राजवाडा बौद्ध लेणी, खिरेश्वर, खुबी फटा (मालसेज घाट रोड), महाराष्ट्र राज्य में हैं। यह खीरेश्वर के पास और पिंपलगाव जोगा डैम के विरुद्ध दिशा में एक बहुत ही प्राचीन लेणी है। यह लेणी जमीन में छुपी हुई प्रतीत होती है। यह जमीन के समतल ग्रेनाइट के काले पत्थर में तराशी गई हैं। लेणी का हिस्सा जमीन के स्तर से निचे होने के वजह से बरसात के मौसम में पानी भरा होता हैं।
इस लेणी में शुरुआत में चार खंबे हैं और अंदर में छः खंबे हैं और बड़ा कमरे के साथ एक छोटा कमरा भी हैं। देखने से ऐसा प्रतीत होता हैं की यह भिक्षुओ का निवास स्थान रहा होगा। इस लेणी में जो एक छोटा कमरा हैं, उस कमरे के मध्य में एक गहरा खड्डा किया हुआ हैं और उसमे एक बड़ा सा पत्थर रेक्टेंगुलर (आयत) के आकार का उस खड्डे में घुसा हुआ हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता हैं की यहां पर स्तूप बनाने की योजना होगी। यह संशोधन का विषय हैं।
लेणी में कोई शिल्प या कोई शिलालेख देखने को नहीं मिलता हैं। लेणी में प्रवेश करने के पहले एक बहुत ही बड़ा पानी का कुंड है। लेणी के ऊपरी भाग के मैदान पर पांच वीर गढ़ देखने को मिलते हैं।
यह लेणी बहुत ही प्राचीन बौद्ध लेणी हैं। इस लेणी का कहीं भी कोई उल्लेख नहीं मिलता हैं। इस लेणी की बनावट प्रारंभिक हीनयान बौद्ध लेणियों के जैसे हैं। इस प्राचीन बौद्ध लेणी को भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। जब भी आप हरिश्चंद्र किले की यात्रा करते हैं, तो आपको इन गुफाओं की अवश्य भेंट देनी चाहिए।
कैसे पहुंचा जाये:
राजवाडा बौद्ध लेणी खिरेश्वर, खुबी फटा, मालसेज घाट रोड से नजदीक है। रेल – कल्याण निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मालशेज घाट से सिर्फ 85 किमी की दूरी पर स्थित है वायु – पुणे और मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। सड़क मार्ग – मालसेज घाट रोड से आप लेणी तक आसानी से बाइक और बसें से आ सकते हैं।