तिपिटक का अर्थ है “तीन पिटारी”, जिसमें भगवान बुद्ध के उपदेश, शिक्षाएं और सिद्धांत संगृहीत है। यह पाली भाषा में लिखा गया है और विभिन्न भाषाओं में अनुवादित है। बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तीन महीने के भीतर, एक परिषद बुलाई गई। अज्ञानी और बेईमान लोगों द्वारा बुद्ध के शब्दों को विकृत करने से रोकने के लिए, उन्होंने बुद्ध की शिक्षा को उसकी मूल स्थिति में संरक्षित करने के लिए पहली परिषद का गठन किया। उनका मुख्य उद्देश्य बुद्ध की शिक्षाओं को एकत्र करना और व्यवस्थित करना था, और उन्होंने व्यवस्थित किया जिसे अब हम आमतौर पर तिपिटक के नाम से जाना जाता है।

तिपिटक जिसका अर्थ है “तीन टोकरियाँ” जो तीन भागों में विभाजित हैं: विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक।

विनय पिटक: इसमें संघ के नियम या अनुशासन शामिल हैं।
सुत्त पिटक: बुद्ध द्वारा विभिन्न विषयों पर बुद्ध के प्रवचनों और उपदेशों का संग्रह है।
अभिधम्म पिटक: प्रसिद्ध भिक्षुओं और विद्वानों द्वारा सूत्रों पर टिप्पणी है।

यह तिपिटक ग्रंथ दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ है। महाकरुणिक तथागत बुद्ध ने अपने जीवन में जो अनुभव किया, संबोधी प्राप्त की, विश्व और मानवता के कल्याण के लिए दिए गए उपदेशो को उनके महापरिनिर्वान के तीन महीने बाद भिक्खू संघ ने तिपिटक लिखना शुरुआत किया।

बुद्ध के जीवित रहते ही समस्त बुद्ध वाणी को नौ भागों में विभाजित किया गया – सुत्तं, गेय्यं, वैय्याकरणं, गाथा, उदानं, इतिवुत्तकं, जातकं, अब्भयुधम्मं, वेदल्लं। इन्हीं को भगवान बुद्ध ने धम्म, विनय और मातिका कहा। आगे चलकर ये ही सुत्तपिटक, विनयपिटक और अभिधम्मपिटक के नाम से सम्पादित, संकलित हुए। पूरे तिपिटक में 84000 धर्म शिक्षापद हैं, जिनमें 82000 बुद्ध के और शेष 2000 उन भिक्षुओं के हैं जो भगवान के शिष्य थे। बुद्ध ने कहा था कि जिन धर्मों को मैंने स्वयं अभिज्ञात कर तुम्हें उपदेशित किया है, उसे सब मिलकर बिना विवाद के संगायन करो। अतः तिपिटक का संगायन सम्पादन तो होना ही था। बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद एक वृद्ध लेकिन हाल ही में बौद्ध बने भिक्षु सुभद्र ने हर्षित होकर कहा, “हम मुक्त हुए उस महाश्रमण से, जो हमें हमेशा यह कहकर पीड़ित करता था कि यह करो, और वह मत करो, यह उचित है, वह अनुचित है। अब हम अपने मन की करेंगे, जो मन की नहीं होगी, उसे नहीं करेंगे। यह सुन महास्थविर कश्यप ने निर्णय किया कि यथाशीघ्र बुद्ध वाणी को चिरकाल तक सुरक्षित रखने के लिए संगायन का आयोजन हो, अन्यथा सुभद्र जैसे स्वार्थी लोग बुद्धवाणी में मिलावट कर उसे दूषित कर देंगे।

प्रथम बौद्ध संगीति – राजगृह (483 ईसापूर्व)
तथागत बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तीन माह बाद महास्थवीर महाकाश्यप की अध्यक्षता में पाँच सौ अरहंत भिक्षुओं को एकत्र कर प्रथम संगायन का आयोजन हुआ। यह संगीति मगधसम्राट बिंबसार-पुत्र अजातशत्रु (हर्यक वंश) द्वारा राजगृह में सप्तपर्णी गुफा में की गयी थी। बुद्ध की वाणी उनके परमशिष्य आनन्द को कंठस्थ थी। अन्तः सुत्त पिटक का संकलन आनंद ने किया, और विनय पिटक का संकलन उपाली ने किया। यही तिपिटक है। तिपिटक को कंठस्थ रखना पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा।

द्वितीय बौद्ध संगीति- वैशाली (383 ईसापूर्व)
द्वितीय बौद्ध संगीति बुद्ध के महापरिनिब्बान के १०० वर्षों पश्चात (इसा पूर्व 383) में संपन्न हुयी |
यह संगीति मगध के महाराजा शिशुनाग (शिशुनाग वंश) के पुत्र कालाशोक के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष स्थविर रेवत थे। द्वितीय बौद्ध संगीति में ७०० भिक्खु सम्मिलित हुए थे| इस संगीति की कार्यवाही आठ मास में संपन्न हुयी |
भगवान बुद्ध के महापरिनिब्बान के सौ वर्षों पर्यन्त संघ में किसी भी प्रकार का विवाद नहीं था | परन्तु बुद्ध के महापरिनिब्बान के सौ वर्षों के उपरांत वज्जि के भिक्खुओं ने विनय के नियमों का उल्लंघन करना प्रारम्भित कर दिया और वे स्वार्थान्ध होकर उपासकों को धम्म के विरुद्ध आचरण करने के लिए प्रेरीत करते थे | वे दस विनय विरुद्ध बातों का आचरण करने लगे | विनयपिटक और अनुशासन के नियमों में विवाद के कारण इस संगीति के दौरान बौद्ध धम्म “थेरवाद” (स्थाविर) और “महासंघिक” नामक दो गुटों में बंट गया। द्वितीय संगीति में असंतुष्ट भिक्खुओं ने अपनी अलग संगीति संपन्न की, एवं अपना अलग बौद्ध संप्रदाय निर्माण किया, जिसे महासांघिक संप्रदाय कहा गया |

तृतीय बौद्ध संगीति – पाटलिपुत्र (250 ई.पू.)
यह संगीति सम्राट असोक (मौर्यवंश) के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष “मोग्गलिपुत्त तिस्स” थे, इस संगीति के दौरान अभिधम्म पिटक का संकलन किया गया तथा संघभेद रोकने के लिये कुछ कठोर नियमों का निर्माण किया गया| इस प्रकार अब बौद्ध की शिक्षाओं को तीन ग्रंथों में संकलित किया गया जिन्हें “त्रिपिटक” भी कहा जाता है|
राजा कालाशोक के काल से सम्राट अशोक के काल पर्यन्त बौद्ध संप्रदाय अठरा निकायों में विभक्त हो गया था | जिनमे थेरवादी संप्रदाय के बारह और महासांघिक संप्रदाय के छः निकाय थे | इन सभी बौद्ध सम्प्रदायों के विभिन्न सिद्धांत थे | सम्राट अशोक संघ को अत्याधिक दान देते थे, जिस कारन अन्य तीर्थिकों का लाभ-सत्कार कम हुआ| दान के प्रलोभन से अन्य तीर्थिक भी चोरी से काषाय वस्त्र परिधान कर के संघ में प्रविष्ठित हुए और वे संघ को विभिन्न प्रकार से दूषित करने लगे | उस समय के विशाल भिक्खुसंघ में से एक हजार श्रेष्ठ विद्वान भिक्खुओं का चयन कर उनके साथ यह धम्मसंगायन संपन्न किया | यह संगीति नौ महीनो तक चली थी। थेरवाद या विभज्जवाद को बुद्ध का वास्तविक मत निश्चित करने के लिए तृतीय बौद्ध संगीति आयोजित की गयी थी|
तृतीय बौद्ध संगीति में संघ को विशुद्ध किया गया | दोषी भिखुओं के वस्त्रादि भिक्खुचिन्ह वापिस लेकर उन्हें संघ से निष्काषित किया गया | सतरा सम्प्रदायों के मतों का खंडन किया गया | मोग्गलिपुत्त तिस्स के द्वरा कथावत्थु ग्रन्थ की रचना की गयी | विविध प्रदेश एवं विविध देशों में बौद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया | तिपिटक का स्वरूप निश्चित किया गया |

चतुर्थ बौद्ध संगीति – श्रीलंका (25 ईसा पूर्व) और कुण्डलवन (72 ईस्वी)

चौथी बौद्ध संगीति दो अलग-अलग बौद्ध परिषद बैठकों का नाम है।

पहली श्रीलंका में 25 ईसा पूर्व आयोजित कि गई थी इस चौथी बौद्ध परिषद में थेरवाद के तिपिटक को पहली बार ताड़ के पत्तों पर लि्खा गया था। बौद्ध परिषद अनुराधापुरा के वलागम्बा के संरक्षण में श्रीलंका के अनुराधापुरा महा विहार में आयोजित की गई थी। संगीति के बाद तिपिटक के ताड़ के पत्तों की पांडुलिपियों को बर्मा, थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस जैसे अन्य देशों में ले जाया गया।

दूसरी कुण्डलवन (श्रीनगर के पास हरवन), कश्मीर में 72 ईस्वी में कुषाण शासक सम्राट कनिष्क की संरक्षता तथा आदेशानुसार इस संगीति में 500 बौद्ध विद्वानों ने भाग लिया और ‘तिपिटक’ का पुन: संकलन व संस्करण हुआ। कनिष्क ने जब बौद्ध धर्म का अध्ययन शुरू किया, तो उसने अनुभव किया कि उसके विविध सम्प्रदायों में बहुत मतभेद है। धर्म के सिद्धांतों के स्पष्टीकरण के लिए यह आवश्यक है, कि प्रमुख विद्वान् एक स्थान पर एकत्र हों, और सत्य सिद्धांतों का निर्णय करें। इसलिए कनिष्क ने कश्मीर के कुण्डलवन विहार में एक महासभा का आयोजन किया, जिसमें 500 प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान् सम्मिलित हुए। अश्वघोष के गुरु आचार्य वसुमित्र और पार्श्व इनके प्रधान थे। वसुमित्र को महासभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कहा जाता है कि यह सर्वास्तिवाद परंपरा की चौथी बौद्ध संगीति थी। यह थेरवादियो के लिए आधिकारिक के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं थी। सर्वास्तिवाद शाखा महासांघिक संप्रदाय से ही निकली एक शाखा है।

इस संगीति के दौरान “विभाषाशास्त्र” नामक टीका का संकलन किया गया। विशाल ग्रंथ ‘महाविभाषा’ का चीनी संस्करण वर्तमान समय में मौजूद है। यह ग्रंथ ‘तिपिटक’ के भाष्य के रूप में था। यह ग्रंथ बुद्धिस्ट हाइब्रिड संस्कृत भाषा में था और इसे ताम्रपत्रों पर उत्कीर्ण कराया गया था। ये ताम्रपत्र एक विशाल स्तूप में सुरक्षित करके रख दिए गए थे। ये स्तूप कहाँ स्थित था, इस विषय में अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं है।

बौद्ध धर्म दो सम्प्रदायों “हीनयान” और “महायान” में विभाजित हो गया।
हीनयान में थेरवादी (स्थविरवादी) जबकि महायान में महासंघिक (सर्वास्तिवादी) थे।

महायान के 3 भाग हुये – वज्रयान, तंत्रयान और मन्त्रयान
वज्रयान फिर 2 भागों में विभक्त हो गया – सहजयान और सिद्धयान

पांचवां बौद्ध संगीति – मांडले, बर्मा (1871 ईस्वी)
मांडले, बर्मा में 1871 ईस्वी में “मिन्दन मिन” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष “जगरभिवामसा”, “नारिन्दभीधजा” और “सुमंगल्समी” थे| इस संगीति में दो हजार चार सौ भिखुओं ने भाग लिया था। इस संगीति के दौरान बुद्ध की सभी शिक्षाओं की व्याख्या एवं व्यवस्थित जांच की गई ताकि यह पता लगाया जा सके की इनमें से किसी नियम को बदला या हटाया गया है|
उनका संयुक्त धम्म पठन पांच महीने तक चला। म्यांमार लिपि में पढ़ाई पूरी होने और सर्वसम्मति से स्वीकार होने के बाद म्यांमार लिपि में सात सौ पच्चीस संगमरमर स्लैब पर अंकित किया गया । यह बड़ा कार्य कुछ 02,400 भिक्षुओं और कई कुशल कारीगरों द्वारा किया गया था, जो प्रत्येक स्लैब के पूरा होने पर उन्हें किंग मिंडन के कुथोडो पगोडा के मैदान में एक विशेष साइट पर सुंदर लघु ‘पिटाका’ पगोडों में रखा गया था। मंडले हिल की तराई में जहां यह और दुनिया में तथाकथित ‘सबसे बड़ी किताब’ कहा जाता है, आज भी खड़ा है।

छठी बौद्ध संगीति – बर्मा के काबाऐ, यगूंन (1954 ईस्वी)
इसका आयोजन 1954 में बर्मा के काबाऐ, यगूंन में किया गया था। इसका आयोजन बर्मा की सरकार के संरक्षण के तहत प्रधानमंत्री “यू नू” के नेतृत्व में आयोजित इस संगीति की अध्यक्षता “महसि सयादव” और “भंदंता विसित्तसाराभिवाम्सा” ने की थी। संगीति का आयोजन बौद्ध धर्म के 2500 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया था।
इस संगीति का आयोजन मूल “धम्म” और “विनय” पिटक को संरक्षित करने के उद्देश्य से किया गया था| इस संगीति के दौरान “महापाषाण गुहा” का निर्माण किया गया था जो भारत के सप्तपूर्णि गुफा के समान है जहाँ प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था| इस संगीति में 8 देशों के 500 बौद्ध विद्वानों ने भाग लिया था|

बाबा साहेब डॉ आंबेडकर इसी संगीति में गए थे जहाँ से लौटकर १९५६ में उन्होंने अपने खुद के बौद्ध धम्म के वापसी की धम्मक्रांति की थी|

 

  • तिपिटक
    • विनयपिटक (भगवान बुद्ध के संघ के अनुशासन सम्बन्धी नियम शामिल हैं।)
      • पाराजिक
        • पाराजिक
        • सङ्घादिसेस
        • अनियतधम्मा
        • निस्सग्गिय
      • पाचित्तिय
        • पाचित्तिय
        • पाटिदेसनीय
        • सेखिय
        • अधिकरणसमथा
      • भिक्खुनीविभङ्गो
        • पाराजिक
        • सङ्घादिसेस
        • निस्सग्गिय
        • पाचित्तिय
        • पाटिदेसनीय
        • सेखिय
        • अधिकरणसमथा
      • महावग्ग
        • महाखन्धको
        • उपोसथक्खन्धको
        • वस्सूपनायिकक्खन्धको
        • पवारणाक्खन्धको
        • चम्मक्खन्धको
        • भेसज्जक्खन्धको
        • कथिनक्खन्धको
        • चीवरक्खन्धको
        • चम्पेय्यक्खन्धको
        • कोसम्बकक्खन्धको
      • चूळवग्ग
        • कम्मक्खन्धकं
        • पारिवासिकक्खन्धकं
        • समुच्चयक्खन्धकं
        • समथक्खन्धकं
        • खुद्दकवत्थुक्खन्धकं
        • सेनासनक्खन्धकं
        • सङ्घभेदकक्खन्धकं
        • वत्तक्खन्धकं
        • पातिमोक्खट्ठपनक्खन्धकं
        • भिक्खुनिक्खन्धकं
        • पञ्चसतिकक्खन्धकं
        • सत्तसतिकक्खन्धकं
      • परिवार
        • सोळसमहावारो
        • समुट्ठानसीससङ्खेपो
        • अन्तरपेय्यालं
        • खन्धकपुच्छावारो
        • एकुत्तरिकनयो
        • उपोसथादिपुच्छाविस्सज्जना
        • गाथासङ्गणिकं
        • अधिकरणभेदो
        • अपरगाथासङ्गणिकं
        • चोदनाकण्डं
        • चूळसङ्गामो
        • महासङ्गामो
        • कथिनभेदो
        • उपालिपञ्चकं
        • अत्थापत्तिसमुट्ठानं
        • दुतियगाथासङ्गणिकं
        • सेदमोचनगाथा
        • पञ्चवग्गो
    • सुत्तपिटक (भगवान बुद्ध के सिद्धांतों, विचारों व उपदेशों का संग्रह है।)
      • दीघनिकाय
        • सीलक्खन्धवग्ग
          • ब्रह्मजालसुत्तं
          • सामञ्ञफलसुत्तं
          • अम्बट्ठसुत्तं
          • सोणदण्डसुत्तं
          • कूटदन्तसुत्तं
          • महालिसुत्तं
          • जालियसुत्तं
          • महासीहनादसुत्तं
          • पोट्ठपादसुत्तं
          • सुभसुत्तं
          • केवट्टसुत्तं
          • लोहिच्चसुत्तं
          • तेविज्जसुत्तं
        • महावग्ग
          • महापदानसुत्तं
          • महानिदानसुत्तं
          • महापरिनिब्बानसुत्तं
          • महासुदस्सनसुत्तं
          • जनवसभसुत्तं
          • महागोविन्दसुत्तं
          • महासमयसुत्तं
          • सक्कपञ्हसुत्तं
          • महासतिपट्ठानसुत्तं
          • पायासिसुत्तं
        • पाथिकवग्ग
          • पाथिकसुत्तं
          • उदुम्बरिकसुत्तं
          • चक्कवत्तिसुत्तं
          • अग्गञ्ञसुत्तं
          • सम्पसादनीयसुत्तं
          • पासादिकसुत्तं
          • लक्खणसुत्तं
          • सिङ्गालसुत्तं
          • आटानाटियसुत्तं
          • सङ्गीतिसुत्तं
          • दसुत्तरसुत्तं
      • मज्झिमनिकाय
        • मूलपण्णास
          • मूलपरियायवग्गो
          • सीहनादवग्गो
          • ओपम्मवग्गो
          • महायमकवग्गो
          • चूळयमकवग्गो
        • मज्झिमपण्णास
          • गहपतिवग्गो
          • भिक्खुवग्गो
          • परिब्बाजकवग्गो
          • राजवग्गो
          • ब्राह्मणवग्गो
        • उपरिपण्णास
          • देवदहवग्गो
          • अनुपदवग्गो
          • सुञ्ञतवग्गो
          • विभङ्गवग्गो
          • सळायतनवग्गो
      • संयुत्तनिकाय
        • सगाथावग्ग
          • देवतासंयुत्तं
          • देवपुत्तसंयुत्तं
          • कोसलसंयुत्तं
          • मारसंयुत्तं
          • भिक्खुनीसंयुत्तं
          • ब्रह्मसंयुत्तं
          • ब्राह्मणसंयुत्तं
          • वङ्गीससंयुत्तं
          • वनसंयुत्तं
          • यक्खसंयुत्तं
          • सक्कसंयुत्तं
        • निदानवग्ग
          • निदानसंयुत्तं
          • अभिसमयसंयुत्तं
          • धातुसंयुत्तं
          • अनमतग्गसंयुत्तं
          • कस्सपसंयुत्तं
          • लाभसक्कारसंयुत्तं
          • राहुलसंयुत्तं
          • लक्खणसंयुत्तं
          • ओपम्मसंयुत्तं
          • भिक्खुसंयुत्तं
        • खन्धवग्ग
          • खन्धसंयुत्तं
          • राधसंयुत्तं
          • दिट्ठिसंयुत्तं
          • ओक्कन्तसंयुत्तं
          • उप्पादसंयुत्तं
          • किलेससंयुत्तं
          • सारिपुत्तसंयुत्तं
          • नागसंयुत्तं
          • सुपण्णसंयुत्तं
          • गन्धब्बकायसंयुत्तं
          • वलाहकसंयुत्तं
          • वच्छगोत्तसंयुत्तं
          • झानसंयुत्तं
        • सळायतनवग्ग
          • सळायतनसंयुत्तं
          • वेदनासंयुत्तं
          • मातुगामसंयुत्तं
          • जम्बुखादकसंयुत्तं
          • सामण्डकसंयुत्तं
          • मोग्गल्लानसंयुत्तं
          • चित्तसंयुत्तं
          • गामणिसंयुत्तं
          • असङ्खतसंयुत्तं
          • अब्याकतसंयुत्तं
        • महावग्ग
          • मग्गसंयुत्तं
          • बोज्झङ्गसंयुत्तं
          • सतिपट्ठानसंयुत्तं
          • इन्द्रियसंयुत्तं
          • सम्मप्पधानसंयुत्तं
          • बलसंयुत्तं
          • इद्धिपादसंयुत्तं
          • अनुरुद्धसंयुत्तं
          • झानसंयुत्तं
          • आनापानसंयुत्तं
          • सोतापत्तिसंयुत्तं
          • सच्चसंयुत्तं
      • अङ्गुत्तरनिकाय
        • एककनिपात
          • रूपादिवग्गो
          • नीवरणप्पहानवग्गो
          • अकम्मनियवग्गो
          • अदन्तवग्गो
          • पणिहितअच्छवग्गो
          • अच्छरासङ्घातवग्गो
          • वीरियारम्भादिवग्गो
          • कल्याणमित्तादिवग्गो
          • पमादादिवग्गो
          • दुतियपमादादिवग्गो
          • अधम्मवग्गो
          • अनापत्तिवग्गो
          • एकपुग्गलवग्गो
          • एतदग्गवग्गो
          • अट्ठानपाळि
          • एकधम्मपाळि
          • पसादकरधम्मवग्गो
          • अपरअच्छरासङ्घातवग्गो
          • कायगतासतिवग्गो
          • अमतवग्गो
        • दुकनिपात
          • कम्मकरणवग्गो
          • अधिकरणवग्गो
          • बालवग्गो
          • समचित्तवग्गो
          • परिसवग्गो
          • पुग्गलवग्गो
          • सुखवग्गो
          • सनिमित्तवग्गो
          • धम्मवग्गो
          • बालवग्गो
          • आसादुप्पजहवग्गो
          • आयाचनवग्गो
          • दानवग्गो
          • सन्थारवग्गो
          • समापत्तिवग्गो
          • कोधपेय्यालं
          • अकुसलपेय्यालं
          • विनयपेय्यालं
          • रागपेय्यालं
        • तिकनिपात
          • बालवग्गो
          • रथकारवग्गो
          • पुग्गलवग्गो
          • देवदूतवग्गो
          • चूळवग्गो
          • ब्राह्मणवग्गो
          • महावग्गो
          • आनन्दवग्गो
          • समणवग्गो
          • लोणकपल्लवग्गो
          • सम्बोधवग्गो
          • आपायिकवग्गो
          • कुसिनारवग्गो
          • योधाजीववग्गो
          • मङ्गलवग्गो
          • अचेलकवग्गो
          • कम्मपथपेय्यालं
          • रागपेय्यालं
        • चतुक्कनिपात
          • भण्डगामवग्गो
          • चरवग्गो
          • उरुवेलवग्गो
          • चक्कवग्गो
          • रोहितस्सवग्गो
          • पुञ्ञाभिसन्दवग्गो
          • पत्तकम्मवग्गो
          • अपण्णकवग्गो
          • मचलवग्गो
          • असुरवग्गो
          • वलाहकवग्गो
          • केसिवग्गो
          • भयवग्गो
          • पुग्गलवग्गो
          • आभावग्गो
          • इन्द्रियवग्गो
          • पटिपदावग्गो
          • सञ्चेतनियवग्गो
          • ब्राह्मणवग्गो
          • महावग्गो
          • सप्पुरिसवग्गो
          • परिसावग्गो
          • दुच्चरितवग्गो
          • कम्मवग्गो
          • आपत्तिभयवग्गो
          • अभिञ्ञावग्गो
          • कम्मपथवग्गो
          • रागपेय्यालं
        • पञ्चकनिपात
          • सेखबलवग्गो
          • बलवग्गो
          • पञ्चङ्गिकवग्गो
          • सुमनवग्गो
          • मुण्डराजवग्गो
          • नीवरणवग्गो
          • सञ्ञावग्गो
          • योधाजीववग्गो
          • थेरवग्गो
          • ककुधवग्गो
          • फासुविहारवग्गो
          • अन्धकविन्दवग्गो
          • गिलानवग्गो
          • राजवग्गो
          • तिकण्डकीवग्गो
          • सद्धम्मवग्गो
          • आघातवग्गो
          • उपासकवग्गो
          • अरञ्ञवग्गो
          • ब्राह्मणवग्गो
          • किमिलवग्गो
          • अक्कोसकवग्गो
          • दीघचारिकवग्गो
          • आवासिकवग्गो
          • दुच्चरितवग्गो
          • उपसम्पदावग्गो
        • छक्कनिपात
          • आहुनेय्यवग्गो
          • सारणीयवग्गो
          • अनुत्तरियवग्गो
          • देवतावग्गो
          • धम्मिकवग्गो
          • महावग्गो
          • देवतावग्गो
          • अरहत्तवग्गो
          • सीतिवग्गो
          • आनिसंसवग्गो
          • तिकवग्गो
          • सामञ्ञवग्गो
          • रागपेय्यालं
        • सत्तकनिपात
          • धनवग्गो
          • अनुसयवग्गो
          • वज्जिसत्तकवग्गो
          • देवतावग्गो
          • महायञ्ञवग्गो
          • अब्याकतवग्गो
          • महावग्गो
          • विनयवग्गो
          • समणवग्गो
          • आहुनेय्यवग्गो
          • रागपेय्यालं
        • अट्ठकादिनिपात
          • मेत्तावग्गो
          • महावग्गो
          • गहपतिवग्गो
          • दानवग्गो
          • उपोसथवग्गो
          • गोतमीवग्गो
          • भूमिचालवग्गो
          • यमकवग्गो
          • सतिवग्गो
          • सामञ्ञवग्गो
          • रागपेय्यालं
        • नवकनिपात
          • सम्बोधिवग्गो
          • सीहनादवग्गो
          • सत्तावासवग्गो
          • महावग्गो
          • सामञ्ञवग्गो
          • खेमवग्गो
          • सतिपट्ठानवग्गो
          • सम्मप्पधानवग्गो
          • इद्धिपादवग्गो
          • रागपेय्यालं
        • दसकनिपात
          • आनिसंसवग्गो
          • नाथवग्गो
          • महावग्गो
          • उपालिवग्गो
          • अक्कोसवग्गो
          • सचित्तवग्गो
          • यमकवग्गो
          • आकङ्खवग्गो
          • थेरवग्गो
          • उपालिवग्गो
          • समणसञ्ञावग्गो
          • पच्चोरोहणिवग्गो
          • परिसुद्धवग्गो
          • साधुवग्गो
          • अरियवग्गो
          • पुग्गलवग्गो
          • जाणुस्सोणिवग्गो
          • साधुवग्गो
          • अरियमग्गवग्गो
          • अपरपुग्गलवग्गो
          • करजकायवग्गो
          • सामञ्ञवग्गो
        • एकादसकनिपात
          • निस्सयवग्गो
          • अनुस्सतिवग्गो
          • सामञ्ञवग्गो
          • रागपेय्यालं
      • खुद्दकनिकाय
        • खुद्दकपाठ
          • सरणत्तयं
          • दससिक्खापदं
          • द्वत्तिंसाकारो
          • कुमारपञ्हा
          • मङ्गलसुत्तं
          • रतनसुत्तं
          • तिरोकुट्टसुत्तं
          • निधिकण्डसुत्तं
          • मेत्तसुत्तं
        • धम्मपद
          • यमकवग्गो
          • अप्पमादवग्गो
          • चित्तवग्गो
          • पुप्फवग्गो
          • बालवग्गो
          • पण्डितवग्गो
          • अरहन्तवग्गो
          • सहस्सवग्गो
          • पापवग्गो
          • दण्डवग्गो
          • जरावग्गो
          • अत्तवग्गो
          • लोकवग्गो
          • बुद्धवग्गो
          • सुखवग्गो
          • पियवग्गो
          • कोधवग्गो
          • मलवग्गो
          • धम्मट्ठवग्गो
          • मग्गवग्गो
          • पकिण्णकवग्गो
          • निरयवग्गो
          • नागवग्गो
          • तण्हावग्गो
          • भिक्खुवग्गो
          • ब्राह्मणवग्गो
        • उदान
          • बोधिवग्गो
          • मुचलिन्दवग्गो
          • नन्दवग्गो
          • मेघियवग्गो
          • सोणवग्गो
          • जच्चन्धवग्गो
          • चूळवग्गो
          • पाटलिगामियवग्गो
        • इतिवुत्तक
          • एककनिपातो
          • दुकनिपातो
          • तिकनिपातो
          • चतुक्कनिपातो
        • सुत्तनिपात
          • उरगवग्गो
          • चूळवग्गो
          • महावग्गो
          • अट्ठकवग्गो
          • पारायनवग्गो
        • विमानवत्थु
          • इत्थिविमानं
          • पुरिसविमानं
        • पेतवत्थु
          • उरगवग्गो
          • उब्बरिवग्गो
          • चूळवग्गो
          • महावग्गो
        • थेरगाथा
          • एककनिपातो
          • दुकनिपातो
          • तिकनिपातो
          • चतुकनिपातो
          • पञ्चकनिपातो
          • छक्कनिपातो
          • सत्तकनिपातो
          • अट्ठकनिपातो
          • नवकनिपातो
          • दसकनिपातो
          • एकादसनिपातो
          • द्वादसकनिपातो
          • तेरसनिपातो
          • चुद्दसकनिपातो
          • सोळसकनिपातो
          • वीसतिनिपातो
          • तिंसनिपातो
          • चत्तालीसनिपातो
          • पञ्ञासनिपातो
          • सट्ठिनिपातो
          • महानिपातो
        • थेरीगाथा
          • एककनिपातो
          • दुकनिपातो
          • तिकनिपातो
          • चतुक्कनिपातो
          • पञ्चकनिपातो
          • छक्कनिपातो
          • सत्तकनिपातो
          • अट्ठकनिपातो
          • नवकनिपातो
          • एकादसनिपातो
          • द्वादसकनिपातो
          • सोळसनिपातो
          • वीसतिनिपातो
          • तिंसनिपातो
          • चत्तालीसनिपातो
          • महानिपातो
        • अपदान
          • बुद्धवग्गो
          • सीहासनियवग्गो
          • सुभूतिवग्गो
          • कुण्डधानवग्गो
          • उपालिवग्गो
          • बीजनिवग्गो
          • सकचिन्तनियवग्गो
          • नागसमालवग्गो
          • तिमिरवग्गो
          • सुधावग्गो
          • भिक्खदायिवग्गो
          • महापरिवारवग्गो
          • सेरेय्यवग्गो
          • सोभितवग्गो
          • छत्तवग्गो
          • बन्धुजीवकवग्गो
          • सुपारिचरियवग्गो
          • कुमुदवग्गो
          • कुटजपुप्फियवग्गो
          • तमालपुप्फियवग्गो
          • कणिकारपुप्फियवग्गो
          • हत्थिवग्गो
          • आलम्बणदायकवग्गो
          • उदकासनवग्गो
          • तुवरदायकवग्गो
          • थोमकवग्गो
          • पदुमुक्खिपवग्गो
          • सुवण्णबिब्बोहनवग्गो
          • पण्णदायकवग्गो
          • चितकपूजकवग्गो
          • पदुमकेसरवग्गो
          • आरक्खदायकवग्गो
          • उमापुप्फियवग्गो
          • गन्धोदकवग्गो
          • एकपदुमियवग्गो
          • सद्दसञ्ञकवग्गो
          • मन्दारवपुप्फियवग्गो
          • बोधिवन्दनवग्गो
          • अवटफलवग्गो
          • पिलिन्दवच्छवग्गो
          • मेत्तेय्यवग्गो
          • भद्दालिवग्गो
          • सकिंसम्मज्जकवग्गो
          • एकविहारिवग्गो
          • विभीतकवग्गो
          • जगतिदायकवग्गो
          • सालकुसुमियवग्गो
          • नळमालिवग्गो
          • पंसुकूलवग्गो
          • किङ्कणिपुप्फवग्गो
          • कणिकारवग्गो
          • फलदायकवग्गो
          • तिणदायकवग्गो
          • कच्चायनवग्गो
          • भद्दियवग्गो
          • यसवग्गो
          • सुमेधावग्गो
          • एकूपोसथिकवग्गो
          • कुण्डलकेसीवग्गो
          • खत्तियावग्गो
        • बुद्धवंस
          • रतनचङ्कमनकण्डं
          • सुमेधपत्थनाकथा
          • दीपङ्करबुद्धवंसो
          • कोण्डञ्ञबुद्धवंसो
          • मङ्गलबुद्धवंसो
          • सुमनबुद्धवंसो
          • रेवतबुद्धवंसो
          • सोभितबुद्धवंसो
          • अनोमदस्सीबुद्धवंसो
          • पदुमबुद्धवंसो
          • नारदबुद्धवंसो
          • पदुमुत्तरबुद्धवंसो
          • सुमेधबुद्धवंसो
          • सुजातबुद्धवंसो
          • पियदस्सीबुद्धवंसो
          • अत्थदस्सीबुद्धवंसो
          • धम्मदस्सीबुद्धवंसो
          • सिद्धत्थबुद्धवंसो
          • तिस्सबुद्धवंसो
          • फुस्सबुद्धवंसो
          • विपस्सीबुद्धवंसो
          • सिखीबुद्धवंसो
          • वेस्सभूबुद्धवंसो
          • ककुसन्धबुद्धवंसो
          • कोणागमनबुद्धवंसो
          • कस्सपबुद्धवंसो
          • गोतमबुद्धवंसो
          • बुद्धपकिण्णककण्डं
          • धातुभाजनीयकथा
        • चरियापिटक
          • अकित्तिवग्गो
          • हत्थिनागवग्गो
          • युधञ्जयवग्गो
        • जातक
          • एककनिपातो
          • दुकनिपातो
          • तिकनिपातो
          • चतुक्कनिपातो
          • पञ्चकनिपातो
          • छक्कनिपातो
          • सत्तकनिपातो
          • अट्ठकनिपातो
          • नवकनिपातो
          • दसकनिपातो
          • एकादसकनिपातो
          • द्वादसकनिपातो
          • तेरसकनिपातो
          • पकिण्णकनिपातो
          • वीसतिनिपातो
          • तिंसनिपातो
          • चत्तालीसनिपातो
          • पण्णासनिपातो
          • सट्ठिनिपातो
          • सत्ततिनिपातो
          • असीतिनिपातो
          • महानिपातो
        • महानिद्देस
          • कामसुत्तनिद्देसो
          • गुहट्ठकसुत्तनिद्देसो
          • दुट्ठट्ठकसुत्तनिद्देसो
          • सुद्धट्ठकसुत्तनिद्देसो
          • परमट्ठकसुत्तनिद्देसो
          • जरासुत्तनिद्देसो
          • तिस्समेत्तेय्यसुत्तनिद्देसो
          • पसूरसुत्तनिद्देसो
          • मागण्डियसुत्तनिद्देसो
          • पुराभेदसुत्तनिद्देसो
          • कलहविवादसुत्तनिद्देसो
          • चूळवियूहसुत्तनिद्देसो
          • महावियूहसुत्तनिद्देसो
          • तुवट्टकसुत्तनिद्देसो
          • अत्तदण्डसुत्तनिद्देसो
          • सारिपुत्तसुत्तनिद्देसो
        • चूळनिद्देस
          • पारायनवग्गो
          • पारायनवग्गनिद्देसो
          • खग्गविसाणसुत्तो
        • पटिसम्भिदामग्ग
          • महावग्गो
          • युगनद्धवग्गो
          • पञ्ञावग्गो
        • नेत्तिप्पकरण
          • सङ्गहवारो
          • उद्देसवारो
          • निद्देसवारो
          • पटिनिद्देसवारो
        • मिलिन्दपञ्ह
          • मिलिन्दपञ्हो
          • मेण्डकपञ्हो
          • अनुमानपञ्हो
          • ओपम्मकथापञ्हो
        • पेटकोपदेस
          • अरियसच्चप्पकासनपठमभूमि
          • सासनपट्ठानदुतियभूमि
          • सुत्ताधिट्ठानततियभूमि
          • सुत्तविचयचतुत्थभूमि
          • पञ्चमभूमि
          • सुत्तत्थसमुच्चयभूमि
          • हारसम्पातभूमि
          • सुत्तवेभङ्गियं
    • अभिधम्मपिटक (अभिधम्मपिटक में बौद्ध मतों की दार्शनिक व्याख्या की गयी है।)
      • धम्मसङ्गणी
        • मातिका
        • चित्तुप्पादकण्डं
        • रूपकण्डं
        • निक्खेपकण्डं
        • अट्ठकथाकण्डं
      • विभङ्ग
        • खन्धविभङ्गो
        • आयतनविभङ्गो
        • धातुविभङ्गो
        • सच्चविभङ्गो
        • इन्द्रियविभङ्गो
        • पटिच्चसमुप्पादविभङ्गो
        • सतिपट्ठानविभङ्गो
        • सम्मप्पधानविभङ्गो
        • इद्धिपादविभङ्गो
        • बोज्झङ्गविभङ्गो
        • मग्गङ्गविभङ्गो
        • झानविभङ्गो
        • अप्पमञ्ञाविभङ्गो
        • सिक्खापदविभङ्गो
        • पटिसम्भिदाविभङ्गो
        • ञाणविभङ्गो
        • खुद्दकवत्थुविभङ्गो
        • धम्महदयविभङ्गो
      • धातुकथा
        • उद्देसो
        • पठमनयो
        • दुतियनयो
        • ततियनयो
        • चतुत्थनयो
        • पञ्चमनयो
        • छट्ठनयो
        • सत्तमनयो
        • अट्ठमनयो
        • नवमनयो
        • दसमनयो
        • एकादसमनयो
        • द्वादसमनयो
        • तेरसमनयो
        • चुद्दसमनयो
      • पुग्गलपञ्ञत्तिपाळि
        • मातिका
        • निद्देसो
      • कथावत्थु
        • पुग्गलकथा
        • परिहानिकथा
        • ब्रह्मचरियकथा
        • जहतिकथा
        • सब्बमत्थीतिकथा
        • अतीतक्खन्धादिकथा
        • एकच्चं अत्थीतिकथा
        • सतिपट्ठानकथा
        • हेवत्थिकथा
        • दुतियवग्गो
        • ततियवग्गो
        • चतुत्थवग्गो
        • पञ्चमवग्गो
        • छट्ठवग्गो
        • सत्तमवग्गो
        • अट्ठमवग्गो
        • नवमवग्गो
        • दसमवग्गो
        • एकादसमवग्गो
        • द्वादसमवग्गो
        • तेरसमवग्गो
        • चुद्दसमवग्गो
        • पन्नरसमवग्गो
        • सोळसमवग्गो
        • सत्तरसमवग्गो
        • अट्ठारसमवग्गो
        • एकूनवीसतिमवग्गो
        • वीसतिमवग्गो
        • एकवीसतिमवग्गो
        • बावीसतिमवग्गो
        • तेवीसतिमवग्गो
      • यमक
        • मूलयमकं
        • खन्धयमकं
        • आयतनयमकं
        • धातुयमकं
        • सच्चयमकं
        • सङ्खारयमकं
        • अनुसययमकं
        • चित्तयमकं
        • धम्मयमकं
        • इन्द्रिययमकं
      • पट्ठान
        • अनुलोम पट्ठान
        • पच्‍चनिय पट्ठान
        • अनुलोम पच्‍चनिय पट्ठान
        • पच्‍चनिय अनुलोम पट्ठान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *